

Top 10 Indian Fielders: भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व क्रिकेट में जिस तरह से अब एक मजबूत और संतुलित टीम के रूप में देखा जाता है, उसमें केवल बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी का ही योगदान नहीं है। पिछले दो दशकों में भारतीय टीम ने जिस तरह से फील्डिंग के क्षेत्र में विकास किया है, वह काबिल-ए-तारीफ़ है। एक समय था जब भारतीय टीम को खराब फील्डिंग के लिए जाना जाता था, लेकिन आज भारतीय फील्डर्स दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। फील्डिंग आज के समय में केवल एक सहायक विभाग नहीं रहा, बल्कि यह मैच जीतने वाला पहलू बन चुका है। एक रन बचाना, एक सटीक थ्रो से रन आउट करना या बाउंड्री लाइन पर हवा में उड़ते हुए कैच पकड़ना – यह सब अब मैच के नतीजों को प्रभावित करता है।
इस लेख में हम बात करेंगे उन दस भारतीय फील्डर्स की जिन्होंने अपनी चपलता, सतर्कता और शानदार थ्रो से टीम इंडिया को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है। ये खिलाड़ी फील्डिंग को एक कला की तरह निभाते हैं और अपने हर मूवमेंट में क्रिकेट का जज़्बा दिखाते हैं।
Table of Contents
Top 10 Indian Fielders
रवींद्र जडेजा – भारतीय फील्डिंग का पर्याय
अगर आज के समय में भारत का सबसे प्रभावशाली फील्डर चुनना हो, तो पहला नाम रवींद्र जडेजा का आता है। उनकी फुर्ती, सटीक थ्रो और हवा में उड़ते हुए कैच पकड़ने की क्षमता उन्हें एक आदर्श फील्डर बनाती है। रवींद्र जडेजा को मैदान में देखकर ऐसा लगता है मानो एक “फील्डिंग मशीन” काम कर रही हो। वे डीप कवर, पॉइंट, लॉन्ग ऑफ जैसे क्षेत्र में बेहद कुशल हैं। कई बार उन्होंने सीधे थ्रो से बल्लेबाज को रन आउट कर टीम को संकट से निकाला है। उनके थ्रो का निशाना इतना सटीक होता है कि विकेटकीपर को हिलने की ज़रूरत तक नहीं पड़ती।
मोहम्मद कैफ – भारतीय फील्डिंग में क्रांति लाने वाला नाम
मोहम्मद कैफ को भारतीय फील्डिंग में क्रांति लाने वाले खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। जब भारतीय क्रिकेट में फील्डिंग पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था, तब कैफ ने अपनी फिटनेस, डाइविंग थ्रो और रन बचाने की क्षमता से सबका ध्यान खींचा। नेटवेस्ट ट्रॉफी 2002 का फाइनल मैच शायद ही कोई भूला होगा, जिसमें उन्होंने बल्ले से जीत दिलाई और मैदान पर कमाल की फील्डिंग दिखाई। उनका पॉइंट पोजिशन पर मौजूद रहना विपक्षी बल्लेबाजों के लिए एक टेंशन का विषय बन जाता था।
युवराज सिंह – पॉइंट पोजिशन के बादशाह
युवराज सिंह को भारत के सबसे आक्रामक और स्टाइलिश फील्डर्स में गिना जाता है। जब वे पॉइंट या कवर क्षेत्र में खड़े होते थे, तो बल्लेबाज़ों को रन चुराने से पहले दो बार सोचना पड़ता था। युवराज की थ्रो में दम, डाइविंग कैच में संतुलन और प्रतिक्रिया समय अद्भुत थी। 2007 T20 वर्ल्ड कप में उनकी फील्डिंग ने कई मौकों पर भारत को फायदा पहुँचाया। युवराज का नाम लेते ही 2002 की इंग्लैंड सीरीज़ और 2011 वर्ल्ड कप की यादें ताज़ा हो जाती हैं।
सुरेश रैना – इनर सर्कल का शेर
सुरेश रैना को भारत के सबसे भरोसेमंद और तेज़ इनफील्ड फील्डर्स में से एक माना जाता है। वे इनर सर्कल में इतनी तेजी से मूव करते थे कि बल्लेबाज को रन लेने से पहले कई बार अपना इरादा बदलना पड़ता था। रैना की फील्डिंग की सबसे बड़ी खासियत थी – उनकी डायरेक्ट हिट और हवा में उड़कर कैच लपकने की क्षमता। IPL के कई सीज़न में उन्होंने ऐसे कैच पकड़े हैं जो यूट्यूब पर आज भी सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वीडियो हैं।
विराट कोहली – एनर्जी, जुनून और फिटनेस का प्रतीक
विराट कोहली न केवल एक महान बल्लेबाज हैं, बल्कि उनकी फील्डिंग भी उतनी ही उम्दा है। उनके भीतर मैदान पर लगातार एक्टिव रहने की प्रवृत्ति है। स्लिप, कवर या डीप बाउंड्री – वे हर जगह परफेक्ट रहते हैं। विराट का फिटनेस रुटीन और मैदान पर उनकी चुस्ती-फुर्ती युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने ना सिर्फ खुद को फिट रखा, बल्कि टीम को भी फिटनेस की ओर प्रेरित किया। विराट के थ्रो और कैच कई बार मैच का पासा पलट चुके हैं।
अजिंक्य रहाणे – स्लिप में भरोसेमंद दीवार
अजिंक्य रहाणे को लोग उनकी शांत और संयमित बल्लेबाज़ी के लिए जानते हैं, लेकिन उनकी फील्डिंग भी उतनी ही प्रभावशाली रही है। खासकर टेस्ट मैचों में स्लिप में खड़े रहकर उन्होंने कई बार भारत को गेम में बनाए रखा। उनका कैचिंग तकनीक बेहद क्लीन और भरोसेमंद है। 2020-21 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ में उन्होंने कई मुश्किल कैच पकड़े जो टीम के लिए निर्णायक साबित हुए। रहाणे बिना किसी दिखावे के मैदान में अपने काम पर फोकस करते हैं – यही उनकी सबसे बड़ी खूबी है।
राहुल द्रविड़ – स्लिप फील्डिंग का पर्याय
राहुल द्रविड़ का नाम लेते ही ज़हन में सबसे पहले उनकी शांत, संयमित और जिम्मेदार छवि आती है। लेकिन फील्डिंग की बात करें तो वह भारत के सबसे सफल स्लिप फील्डर माने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में 200+ टेस्ट कैच पकड़े हैं, जिनमें से ज़्यादातर स्लिप में थे। उनकी आंखों की तेजी, गेंद को पकड़ने की तकनीक और संतुलन ग़ज़ब का था। खासकर जब भारतीय स्पिनर गेंदबाज़ी करते थे, तब द्रविड़ स्लिप में खड़े होकर विपक्षी बल्लेबाज़ों को जरा भी मौका नहीं देते थे।
केएल राहुल – हर रोल में फिट, फील्डिंग में भी टॉप
केएल राहुल एक बहुआयामी खिलाड़ी हैं। उन्होंने बतौर विकेटकीपर तो खुद को साबित किया ही है, साथ ही जब भी आउटफील्ड में भेजा गया, उन्होंने अपनी फुर्ती और थ्रो से सबका ध्यान खींचा। 2022-23 की सीरीज़ में राहुल ने बाउंड्री पर कई ऐसे कैच पकड़े जो दर्शकों को रोमांच से भर देते हैं। उनकी फिटनेस, रनिंग स्पीड और थ्रो की दिशा उन्हें एक बेहतरीन फील्डर बनाते हैं। साथ ही, विकेट के पीछे उनकी तेज़ मूवमेंट और शार्प स्टंपिंग टीम के लिए बोनस साबित होती है।
शुभमन गिल – फील्डिंग का उभरता सितारा
शुभमन गिल एक युवा बल्लेबाज़ हैं, लेकिन उनकी फील्डिंग में वो अनुभव और मैच्योरिटी दिखती है जो किसी अनुभवी खिलाड़ी में होती है। IPL में उन्होंने कई बार अपनी फील्डिंग से टीम को मुश्किल स्थितियों से निकाला है। उनका डाइविंग कैच पकड़ना, थ्रो फेंकना और बाउंड्री बचाना – सब कुछ बेहतरीन है। भविष्य में शुभमन गिल को भारत के टॉप फील्डर्स में गिना जाएगा, इसमें कोई शक नहीं।
दीपक हुड्डा – निचले क्रम का ऑलराउंडर और फील्डिंग का योद्धा
दीपक हुड्डा को भले ही बल्लेबाज़ या पार्ट टाइम गेंदबाज़ के तौर पर जाना जाए, लेकिन उनकी फील्डिंग काफ़ी प्रभावशाली है। IPL और घरेलू क्रिकेट में उन्होंने कुछ शानदार कैच पकड़े हैं जो किसी भी दर्शक को खड़े होने पर मजबूर कर दें। उनका बाउंड्री लाइन पर संतुलन बनाए रखना और गेंद को हाथ से सटीक थ्रो करना – ये सब उन्हें एक ऑलराउंड फील्डर बनाते हैं।
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निष्कर्ष
आज के क्रिकेट में फील्डिंग एक मैच-विनिंग फैक्टर बन गया है। भारत के इन टॉप 10 फील्डर्स ने यह साबित कर दिया है कि केवल रन बनाना या विकेट लेना ही नहीं, रन बचाना और कैच पकड़ना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ये खिलाड़ी फील्डिंग को सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि जुनून की तरह निभाते हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने भारतीय टीम को एक नई पहचान दी है।
अगर भारत आने वाले वर्षों में वर्ल्ड क्रिकेट में राज करना चाहता है, तो यह ज़रूरी है कि हर खिलाड़ी बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ के साथ-साथ एक बेहतरीन फील्डर भी हो।